मुंबई, प्रतिनिधि: मुम्बई-अहमदाबाद हाईवे पर हुई एक सडक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए एक ४४ वर्षीय पुलिसकर्मी को मीरारोड के वॉकहार्ड अस्पताल के डॉक्टरों ने नई जिंदगी दी है।
पैरों हड्डियां कई जगहों से टूटने के बावजूद भी वॉकहार्ड अस्पताल के कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. गिरीश भालेराव के नेतृत्व में एक टीम ने यह सफलता पूर्वक इलाज किया है। इस इलाज के बाद मरीज फिर से अपने पैरों पर खडा हो गया है।
दहानू में रहनेवाले हाइवे पुलिसकर्मी सचिन धनिवीर बोईसर हायवे पर रात के समय ड्यूटी कर रहे थे तभी वो अचानक हाइवे पर दो ट्रकों के भीषण दुर्घटना की चपेट में आ गए। इस दुर्घटना में मरीज और शिपाई गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें दोनों पैरों में कई फ्रैक्चर हो गए थे।
यह दुर्घटना इतनी भीषण थी की मरीज की दोनों जांघ की हड्डियां कई जगहों से फ्रैक्चर हुई थी और उनका आर्म फ्रैक्चर भी हुआ था।
दुर्घटना के समय मरीज को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी स्थानीय अस्पताल दाखिल किया गया था। लेकिन मरीज की गंभीर स्थिती को देखकर वहां के डॉक्टरों ने उन्हें किसी अन्य बड़े अस्पताल में दाखिल करने की सलाह दी।
वॉकहार्ड अस्पताल के कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. गिरीश भालेराव ने कहा की, “22 अप्रैल, 2022 को आपातकालीन स्थिति में मरीज को अस्पताल लाया गया! प्राथमिक जांच में पॉलीट्रॉमा का निदान हुआ! पॉलीट्रामा का अर्थ है की व्यक्ती को शरीर के कई जगहों पर चोट लगना। (मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम के कई फ्रैक्चर) ऐसी स्थिति में तुरंत इलाज करना काफी जरुरी था! हमारे डॉक्टरों की टीम ने बेहतरीन इलाज करके मरीज को नई जिंदगी दी है! इलाज के बाद अब मरीज खुद अपने पैरों पर चलने लगा है! यहां तक की अब वह दुपहिया या चार पहिया वाहन भी चला सकते हैं! मरीज के अंगों को बचाना मुश्किल था लेकिन हमने कर दिखाया!
दोनों जांघों की हड्डीयों (फीमर) के फ्रैक्चर को एक लंबी इंटरलॉकिंग इंट्रा-मेडुलरी नेल का उपयोग करके सर्जरी की गई है। पैरों की हड्डीयों को जोडने के लिए बोन ग्राफ्टिंग के साथ बाइकोलुमनर प्लेटिंग का उपयोग भी किया गया है। डॉ सुशील नेहटे, प्लास्टिक सर्जन की सहायता से डीग्लोइंग की चोट को ठीक किया गया। सर्जरी के बाद मरीज को फिजियोथेरेपी दी गई है। डॉक्टरों के इलाज के कारण अब मरीज के दोनों पैर ठीक हो गए हैं। अब वह किसी भी सहायता के बिना चल-फिर सकते है।
पुलिसकर्मी सचिन धनिवीर ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा की,“ इतनी भीषण दुर्घटना के बाद मुझे लगा कि अब मैं फिर कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाऊंगा! लेकिन मैं एक पुलिसकर्मी हूं! मैं एक लड़ाकू हूं! और मैं जल्द से जल्द अपना कर्तव्य फिर से शुरू करना चाहता था! मुझे उम्मीद थी कि मैं इस आघात से उबर पाऊंगा! इसमें मुझे वॉकहार्ड अस्पताल के डॉक्टरों ने काफी मदद की है! डॉक्टरों की कोशिश के कारण ही आज मैं अपने पैरों पर खड़ा हो पाया हूँ! मैं डॉक्टरों की टीम को धन्यवाद देता हूँ! मैं पहले की तरह ही स्वतंत्र बनना चाहता था! मुझे नया जीवन देने के लिए मैं वॉकहार्ट अस्पताल, मीरारोड के डॉक्टरों की टीम को धन्यवाद देता हूँ! अब, मैंने फिर से ड्यूटी पर जाना शुरू कर दिया है! और वही कर रहा हूं जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है! मैं सभी से सड़क पर गाडी सावधानी से चलाने की अपील करता हूँ!”