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सीमेंट सड़कों में हो रहा करोड़ो का भ्रष्टाचार! राजनेता, अधिकारी मस्त हैं तो वहीं जनता है लाचार!

मीरा भाईंदर शहर में कंक्रीट सड़क निर्माण के टेंडरों में राजनेता, अधिकारियों की कमीशनखोरी और ठेकेदार द्वारा घटिया क्वालिटी के मटेरियल के कारण नई बनी सड़कों पर पड़ने लगी हैं दरारें!

मीरा भाईंदर, संवाददाता: मीरा भाईंदर शहर में इन दिनों कंक्रीट की सड़कों के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा काफ़ी चर्चा का विषय बना हुआ है शहर की सड़कों को गड्ढे मुक्त और मजबूत टिकाऊ बनाने, पैच वर्क में खर्च होने वाली निधि की बचत की संकल्पना के साथ सीमेंट की सड़कें बनाने का कार्य शुरू किया गया था। इसके तहत शहर की करीब 35 से 40 प्रतिशत सड़के सीमेंट की बनाई जा चुकी है। करीब 62 सड़के अभी सीमेंट की बनाई जानी बाकी है। इसके लिए हाल ही में राज्य सरकार ने निजी, सरकारी वित्तीय संस्थानों से 500 करोड़ रुपये कर्ज लेने की अनुमति मनपा प्रशासन को दी है। वहीं अब तक बनाई गई या निर्माणाधीन सीमेंट की सड़कों के कार्य की गुणवत्ता खराब होने के कारण उनमें अभी से दरारें पड़ने लगी है।

सड़क निर्माण कार्यो के जानकारों का कहना है कि सड़क निर्माण के टेंडर की कमीशन का ग्रहण इन सड़कों को लग गया है। जिन सीसी रोड के टेंडर 2021 के पहले पास हुए हैं उन सभी सभी टेंडरों में 23 प्रतिशत का कमीशन पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता ने लिया है ऐसे गंभीर आरोप शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाये थे तो वहीं अभी के आयुक्त दिलीप ढोले ठेकेदारों से 7 प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं ऐसे आरोप सत्ताधारी भाजपा द्वारा लगाए जाते हैं।

अभी इन दिनों मीरारोड पूर्व में शिवार गार्डेन से एन. एच हाईस्कूल (नयानगर अस्मिता ऑर्चिड) तक जाने वाली सड़क को सीमेंट की सड़क बनाने का बांधकाम किया जा रहा है। जिसका टेंडर मे. एस. के. डेवेलोपर्स नामक कंपनी को 11.09 प्रतिशत की अधिक दर से 4 करोड़ 30 लाख 44 हजार 289 रुपये में दिया गया है। इस कार्य को पूरा करने के लिए 8 अप्रैल 2022 को एक वर्ष के कार्य मुद्दत पर दी गई थी। सड़क के निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए मनपा के कनिष्ठ अभियंता के साथ साथ मे. प्रकाश इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन एंड मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी प्रा. ली. नामक कंपनी को त्र्ययस्थ लेखापरीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है लेकिन घटिया मटेरियल इस्तेमाल किए जाने के बाद भी और सड़क निर्माण में जो तकनीक, प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए उसका उल्लंघन किए जाने के बावजूद भी इस लेखापरीक्षक कंपनी ने अभी तक कोई आपत्ति नहीं जताई है।

बताया जा रहा है कि मे. प्रकाश इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन एंड मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी प्रा. ली. नामक कंपनी इस कंपनी की नियुक्ति भी सिर्फ़ एक खानापूर्ति है। क्योंकि सड़क निर्माण कार्यों में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल उचित तकनीक इस्तेमाल ना किए जाने के बावजूद भी इस त्रयस्थ लेखापरीक्षक कंपनी ने अभी तक किसी भी ठेकेदार के ख़िलाफ़ अभी तक कोई आपत्ति दर्ज नही कराई है। इससे साफ़ पता चलता है कि यहाँ सभी की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार किया जा रहा है। और अगर कभी किसी मामले में भ्रष्टाचार उजागर हो भी जाये तो इसक पूरा ठीकरा इस मे. प्रकाश इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन एंड मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी प्रा. ली. नामक कंपनी पर फोड़कर मनपा के अधिकारियों को बचाया जा सके ऐसी रणनीति इन सभी भ्रष्टाचारियों ने बनाई है।

अप्रैल 2022 से नवंबर माह तक उक्त सड़क की आधी (एक तरफ ) सीमेंट की सड़क का निर्माण पूरा हो गया है और बाकी बची हुई सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जबकि इस ६ माह में बनी हुई सीमेंट की सड़क में जगह दरारें और फटने की शिकायतें आने लगी है। इससे पूर्व भी बनाई गई सीमेंट की सड़कों में दरारें, गड्ढे पड़ने और फटने के मामले सामने आने लगी है। जबकि ऐसे सीमेंट की सड़को के मजबूती की गारंटी 25 से 30 वर्षों की रहती है।

नियमों के अनुसार जब किसी भी जगह पर निर्माण कार्य चल रहा होता है तो उस जगह पर उस कार्य के टेंडर से संबंधित सभी जानकारी जैसे, कार्य की लागत, कार्य पूर्ण करने की अवधि, कार्य का स्वरूप, ठेका कंपनी इत्यादि के पूरे विवरण का सूचना फ़लक लगाना अनिवार्य होता है। जबकि में. एस. के. डेवेलोपर्स नामक ठेकेदार ने उक्त सड़क निर्माण स्थल पर ऐसी कोई जानकारी का फ़लक नही लगाया गया है। इस मामले में सबसे कमाल की बात तो यह है कि कंक्रीट की सड़कों के निर्माण कार्य भ्रष्टाचार हो रहा है यह बात तो सभी राजनैतिक दलों के नेता मान रहे हैं लेकिन इसके खिलाफ कोई आवाज़ नही उठा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में सभी की मिलीभगत होने के कारण “तेरी भी चुप और मेरी भी चुप” इस कहावत के अनुसार सभी दलों के नेता खामोश बैठे हैं!

जब हमने इस संबंध में मनपा के सार्वजनिक बांधकाम विभाग के कार्यकारी अभियंता नितिन मुकने से प्रतिक्रिया लेने के लिए फोन किया तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस बांधकाम पर देखरेख करने की जिम्मेदारी मेरी नहीं है। इसकी जिम्मेदारी उपअभियंता यतिन जाधव की है आप उन्हीं से इस संदर्भ में जानकारी लें!

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