भाईंदर : बिहार के मुंगर के रहने वाले बिमल कुमार जैन को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। मुंगेर के इस लाल को पद्मश्री सम्मान मिलने से उनके परिवार में खुशी का माहौल है, तो वहीं मीरा भाईंदर शहर में भी इस बात की खुशियां मनाई जा रही हैं। क्यूंकि मीरा-भाईंदर निवासी प्रसिद्ध पत्रकार जैन कमल जो की ६० से ज्यादा अखबारों का निर्माण कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के उर्दू में जीवनी के ऊपर फिलहाल काम कर रहे हैं, उन्होंने दस करोड़ से ज्यादा नमोकार मंत्र लिख चुके हैं। पद्मश्री बिमल कुमार जैन उनके बड़े भाई हैं।
उनके छोटे भाई जैन कमल ने हमें जानकारी देते हुए बताया की, चौंसठ वर्षीय बिमल कुमार जैन का मुंगेर शहर के जुबलबेल चौक के समीप पुश्तैनी घर है। उनका संबंध यहां के प्रतिष्ठित व्यवसायी घराने जैन परिवार से है। बिमल जैन भंवर लाल जैन और सोहनी देवी जैन की तीसरी संतान हैं। उनके माता-पिता मुंगेर में ही रहते हैं जबकि वो फिलहाल राजधानी पटना में रह कर व्यवसाय करते हैं। लेकिन समय-समय पर वो अपने परिवार और मित्रों से मिलने मुंगेर आते रहते हैं। बिमल जैन ने इंटरमीडिएट तक की अपनी पढ़ाई मुंगेर से ही पूरी की है। जिसके बाद वो आगे स्नात्तकोत्तर की पढ़ाई करने पटना चले गए थे। बिमल जैन आपातकाल में छात्र आंदोलन से गहरे जुड़े और लोकनायक जयप्रकाश के प्रिय पात्रों में एक हो गये।
बिमल जैन को मानवता के सच्चे और निस्वार्थ सेवा के लिए पद्मश्री सम्मान मिला है। उनके कई मित्र आज राजनीति के क्षेत्र में हैं लेकिन उन्होंने खुद को इससे दूर रखा है और समाजसेवा का रास्ता चुना। फिलहाल वो कृत्रिम पैर से जुड़े एक संगठन प्रकल्प भारत विकास परिषद के महामंत्री के रूप में पटना में भारत विकास परिषद विकलांग अस्पताल चलाते हैं। इसके माध्यम से उन्होंने अबतक 35,000 से भी अधिक विकलांगजनों को आर्टिफिशियल सपोर्ट लगाने का कीर्तिमान बनाया है। इसी तरह बिमल कुमार जैन ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशीलकुमार मोदी के साथ मिलकर दधीचि नेत्र दान समूह बनाया है इसमें आप मरने के बाद अपने नेत्र का दान कर सकते हैं जिसके माध्यम से दृष्टिहीन दिव्यांगों के जीवन मे फिर से उजाला भर सकें। पटना और गया में दो अस्पताल भी बनाए हैं जिसमे दान किये गए नेत्रों संजोए रखा जाता है ताकि जरूरतमंद को वह नेत्र दिया जा सके। सुशीलकुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद, बिमल कुमार जैन, अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह यह सब एक साथ जयप्रकाश नारायण आंदोलन से जुड़े थे और बिहार सरकार के साथ मिलकर बिहार और देश के विकास के लिए अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।
उनको इस सम्मान मिलने के बाद पुरे परिवार के साथ बिहार का मुंगेर जिला के साथ साथ मीरा भाईंदर शहर भी गौरवान्वित महसूस कर रहा है। समाज के सभी स्तर से बिमल कुमार जैन को बधाइयां देने का ताँता लगा हुआ है।
