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जागतिक ब्रेन दिवस के अवसर पर वोक्हार्ट अस्पताल में एपिलेप्सी और पार्किंसन्स मरीजों के लिए क्लिनिक शुरू!

अस्पताल ने मरीजों के लिए एक इन-हाउस ब्रेन जिम भी स्थापित किया है।

मीरारोड: वर्ल्ड ब्रेन डे के अवसर पर मीरारोड स्थित वॉक्हार्ट अस्पताल ने एपिलेप्सी और पार्किंसन्स मरीज के लिए विशेष क्लिनिक शुरू किया हैं।

क्लिनिक ने एक बहु-विषयक टीम के समर्थन से एपिलेप्सी और पार्किंसन्स रोग का प्रबंधन करने के लिए विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया है जो उपचार से पहले और बाद की देखभाल में मदद करेगा।

इस अवसर पर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पवन पाई, कंसल्टेंट न्यूरो सर्जन डॉ. अश्विन बोरकर, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दिपेश पिंपले, डॉ. विनोद रामबल, डॉ. सिद्धार्थ वारियर, डॉ. राहिल अंसारी, डॉ. इमरान खान, डॉ. बिपिन जिभकाटे, वोक्हार्ट अस्पताल के सेंटर हेड डॉ. पंकज धमीजा उपस्थित थे।

भारत में लाखों लोग एपिलेस्पी और पार्किंसन्स बिमारी से पीड़ित हैं, जो उनके जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं। बढ़ती संख्या के बावजूद, अधिकांश लोग एपिलेप्सी और पार्किंसंस के लिए उचित उपचार प्राप्त करने में असमर्थ हैं। इसे ध्यान में रखते हुए मिरारोड के वोक्हार्ट अस्पताल ने एपिलेप्सी और पार्किंसन्स से पिडित मरीजों के लिए एक विशेष क्लिनिक शुरू किया हैं।

वोक्हार्ट अस्पताल के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पवन पाई ने कहॉं की, ”पार्किंसन्स” डिजीज एक न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थिति है जिसके कारण मस्तिष्क की कोशिकाओं में डोपामिन की कमी हो जाती है। देश में पार्किंसन्स मरीजों की संख्या बढती जा रही है। इसलिए एपिलेप्सी मरीजों की तरह पार्किंसन्स बिमारी से पिडित मरीजों का ध्यान रखना जरूरी हैं।

शुरुआत में पार्किंसन्स के मरीज दवा की मदद से बेहतर महसूस करते हैं। यह क्लिनिक अन्य आंदोलन विकारों के लिए बोटोक्स थेरेपी को भी शामिल करेगा। वर्ल्ड ब्रेन डे के अवसर पर अस्पताल ने खास मरीजों के लिए इन-हाउस ब्रेन जिम की शुरुआत की है।

वोक्हार्ट अस्पताल के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ दिपेश पिंपले ने कहॉं की, “एपिलेप्सी एक स्नायविक विकार है और इसे अक्सर एक मानसिक समस्या माना जाता है। इस स्थिति के साथ एक सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है जिसके कारण शीघ्र चिकित्सा सहायता प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।

हमारा लक्ष्य इस क्लिनिक के माध्यम से एपिलेप्सी और पार्किंसन्स रोग के बारे में अधिक जागरूकता फैलाना है क्योंकि समज पर इलाज हुआ तो ये मरीज अच्छा जीवन जी सकते हैं। एपिलेप्सी किसी को भी कभी भी हो सकती है।

एपिलेप्सी से पीड़ित लोगों के लिए समय पर निदान और उपचार महत्वपूर्ण हैं। हम अपने क्लिनिक में न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, न्यूरो रिहैब विशेषज्ञों, न्यूरो-तकनीशियनों और स्टाफ नर्सों की एक समर्पित टीम के साथ अगले स्तर की देखभाल में मदद करेंगे।”

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