नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डायरेक्टर एसके मिश्रा का कार्यकाल 15 अक्टूबर तक बढ़ाने का आग्रह किया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने मिश्रा के कार्यकाल को 15 अक्टूबर तक बढ़ाने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च अदालत ने मिश्रा के कार्यकाल को 15 सितंबर तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने ‘राष्ट्रीय हित’ को देखते हुए ईडी निदेशक के कार्यकाल को 15 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसके साथ ही साफ किया कि अब आगे ईडी डायरेक्टर के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए कोई और सुनवाई नहीं होगी। यानी एसके मिश्रा का ये अंतिम सेवा विस्तार माना जा रहा है।
दरअसल, केंद्र ने मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने की दलील के पीछे कई कारण गिनाए हैं। केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ दिनों में देश में FATF की टीम आने वाली है। ये एक बेहद असाधारण स्थिति है। मेहता ने दलील दी कि FATF के रिव्यू से देश की रैंकिंग निर्भर करती है, इसलिए मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ के सामने FATF वाला तर्क दिया था। जस्टिस गवई ने कहा कि हमने सॉलिसिटर जनरल मेहता और एएसजी एसवी राजू की दलीलें सुनी हैं। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, प्रशांत भूषण और वरिष्ठ वकील चौधरी की दलीले भी हमने सुनी हैं। जस्टिस गवई ने कहा कि एएसजी ने अपनी दलील में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग और आंतकी फंडिंग का मुद्दा बेहद अहम है और इसका रिव्यू ईडी को करना है। इसलिए ये जरूरी है कि ईडी निदेशक को 15 अक्टूबर का सेवा विस्तार दिया जाए।